How to Start Ashwagandha Cultivation Business 2024: अश्वगंधा की खेती, Profit

Ashwagandha Cultivation Business Plan in Hindi (Marketing, Risk, Profit, Cost) अश्वगंधा की खेती करके पैसा कमायें, कैसे करें, खेती करने का तरीका, बाजार में मांग, मार्केटिंग, जोखिम, मुनाफा

Ashwagandha Cultivation Business आपने तो औषधि गुड की भरमार वाले पौधे अश्वगंधा का नाम तो अवश्य सुना होगा। अश्वगंधा जहां कई सारी बीमारियों इलाज के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं अगर आप खराब आर्थिक स्थिति और आर्थिक मंदी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो वर्तमान समय में अश्वगंधा की खेती करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बहुत सारे औषधीय गुणों से भरपूर अश्वगंधा की खेती करके आज के समय के किसान भाई बहन मोटी कमाई कर रहे हैं। इसकी खेती को करके आप लागत से कई गुना अधिक कमाई कर सकते हैं। अगर आप भी खेती करके घर बैठे अच्छी कमाई का जरिया तलाश रहे हैं, तो आज का यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है और आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को अश्वगंधा की खेती करके पैसे कैसे कमाए ?, इस विषय पर संपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं अतः आज के इस महत्वपूर्ण लेखकों अंतिम तक अवश्य पढ़ें।

Ashwagandha Cultivation Business

Ashwagandha Cultivation Business अश्वगंधा की बाजार में मांग

आज हालात इतने नाजुक है कि देश का हर एक नागरिक स्वास्थ्य संबंधित और छोटी बड़ी समस्या से लड़ रहा है और सभी दवाइयों के पीछे ज्यादा पैसा खर्च ना करके सर्वप्रथम औषधि युक्त को करने की प्राथमिकता दे रहे हैं और ऐसे में अश्वगंधा अपने आप में ही काफी ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक औषधि गुण युक्त पौधा जाना जाता है। अश्वगंधा एक अद्वितीय गंध और ताकत को बढ़ाने की क्षमता रखने वाला पौधा है। इस लाभकारी और औषधि युक्त पौधे का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को होता है। इसके साथ ही इस पौधे का उपयोग कई तरह की दवाइयों के निर्माण के लिए भी किया जाता है, अतः कुल मिलाकर बाजार में अश्वगंधा के पौधे की मांग हमेशा बनी रहती है और हम इसकी खेती को करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

अश्वगंधा के पौधे का वनस्पति नाम

जिस प्रकार से अनेकों पौधों और फूलों का एवं फलों का वनस्पति नाम होता है, ठीक उसी प्रकार से अश्वगंधा के पौधे का भी वनस्पति नाम है। अश्वगंधा के पौधे का वनस्पति नाम विथानिया सोम्निफेरा है।इसी प्रकार की खेती को करने के लिए सरकार अनेकों प्रकार की योजनाएं चला रही है और साथ ही में किसानों को प्रोत्साहित भी कर रही है।

तनाव और चिंता को दूर करने में है अश्वगंधा काफी मददगार

इसका पौधा धारीदार पौधा होता है और आप इसे बहुवर्षीय पौधा भी कह सकते हैं। अश्वगंधा के पौधे का फल, बीज और छल का प्रयोग अनेकों प्रकार की दवाइयों के निर्माण में कई सारी दवाई निर्माण करने वाली कंपनियां करती है। अश्वगंधा के पौधे के जड़ से अश्व यानी कि घोड़े की जैसी गंध आती है और इसीलिए इसका नाम अश्वगंधा रखा गया है। आज बाजार में तनाव और चिंता जैसी समस्या को दूर करने के लिए अश्वगंधा के चूर्ण आसानी से उपलब्ध हैं और जिनका लोग इस्तेमाल भी करते हैं।

अश्वगंधा की खेती करने के लिए किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है जरूरी

अश्वगंधा की खेती करना चाहते हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए और उसकी जानकारी इस प्रकार से नीचे निम्नलिखित हैं।

कब और किस प्रकार से अश्वगंधा की खेती करनी चाहिए

  • अश्वगंधा की खेती करने के लिए आपको बलुई दोमट और लाल मिट्टी की आवश्यकता होगी और यह इसी प्रकार की मिट्टी में उगाया जाने वाला पौधा है।
  • आप के मिट्टी का पीएच मान लगभग 7.5 से लेकर 8 के बीच में होना अनिवार्य है और इसीलिए इस पीएच मान के आधार पर खेती करने पर आपको अश्वगंधा की पैदावार अच्छी मात्रा में प्राप्त होगी।
  • ज्यादातर गर्म प्रदेशों में अश्वगंधा के पौधों की बुवाई करना है आसान।
  • अश्वगंधा की खेती करने के लिए आपको 25 से लेकर 30 डिग्री तक का तापमान चाहिए होगा।
  • इसकी खेती के लिए 500 से लेकर 750 मिलीलीटर की वर्षा होनी बहुत ही आवश्यक है।
  • अश्वगंधा का पौधा अच्छे तरीके से बढ़ सके इसके लिए आप के खेत में बराबर नवी बरकरार रहनी चाहिए।
    शरद ऋतु के दौरान 1 से 2 वर्ष में इस पौधे के जड़ों का अच्छे तरीके से विकास होता है।
  • अगर आप चाहे तो पर्वतीय क्षेत्र की कम उपजाऊ भूमि में भी इसकी खेती को कर सकते हैं और आपको इसकी खेती से अच्छी सफलता भी प्राप्त होगी।

अगर आप अश्वगंधा की खेती करने के लिए इच्छुक है, तो आपके लिए सबसे अच्छा महीना अगस्त का हो सकता है। इसकी खेती करने के लिए आपको कम से कम दो अच्छी बारिश का इंतजार करना है और फिर इसके बाद कम से कम खेतों की दो बार जुताई करना है और पाटा चला कर इसे समतल कर देना है।खेतों की जुताई के दौरान आपको इसमें जैविक खाद का इस्तेमाल करना है। अश्वगंधा के पौधों की बुवाई करने के लिए आपको 10 से लेकर 12 किलो तक के इसके बीज प्रति हेक्टेयर की दर से पर्याप्त मात्रा में सही रहेंगे। समानता इसकी बुआई करने के बाद इसके बीज का अंकुरण 7 से लेकर 8 दिनों के भीतर ही दिखाई देने लग जाता है और लगभग 8 महीने से लेकर 12 महीने के बीच में इसके बीच जमाव 70 से 80% तक पूरा हो जाता है।

कौन-कौन तरीके से कर सकते हैं, अश्वगंधा के पौधों की बुवाई

अश्वगंधा की खेती और इसकी बुवाई दो तरीके से की जा सकती हैं। पहली विधि में आप कतार विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसमें पौधे से पौधे के बीच की दूरी कम से कम 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी लगभग 20 सेंटीमीटर रखनी आवश्यक है। दूसरी विधि विधि है और इस विधि में सबसे ज्यादा अच्छे तरीके से बुवाई की जाती है। खेतों की हाल की जुताई करने के बाद रेत में मिलाकर इसके बीच का आज खेत में छिड़काव कर सकते हैं और 1 वर्ग मीटर में 30 से 40 पौधे आराम से लग जाएंगे।

अश्वगंधा के पौधे की कटाई करने का सही वक्त

इसके पौधे की बुवाई करने के बाद इसकी कटाई का वक्त जनवरी से लेकर मार्च महीने तक का चलता है।इसकी पौधों को पढ़ा जाता है और पौधों को जड़ से अलग करने का कार्य किया जाता है। इसके जल के छोटे-छोटे टुकड़े को धूप में सुखाया जाता है। अश्वगंधा के फ़ल के बीज और उसके सूखे पत्तों को अलग कर दिया जाता है। साधारण तौर पर अश्वगंधा के 600 से 800 किलोग्राम जड़ और 50 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर प्राप्त होने की संभावना रहती है।

अश्वगंधा को बाजार में बेचने के लिए मार्केटिंग

दोस्तों इसकी बुवाई और कटाई के बाद आता है, इसके मार्केटिंग को करके पैसे कमाने का। आप अश्वगंधा को मार्केटिंग के लिए अपने नजदीकी मंडी में ले जा सकते हैं और वहां पर इसे भेज सकते हैं या फिर दवाइयों का निर्माण करने वाली कंपनी से मिल सकते हैं और फिर उन्हें औषधि बनाने के लिए पौधे को उनको बेच सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

अश्वगंधा के खेती का बाजार में रिस्क

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया आज देश का हर एक नागरिक स्वास्थ्य संबंधित समस्या से जूझ रहा है और साथ ही में कोरोना वायरस से बचने के लिए भी लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए और शरीर में ताकत लाने के लिए औषधि का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे में अश्वगंधा इन सभी कार्यों में सबसे सटीक उपचार माना जाता है। आज घरेलू औषधि से लेकर दवाइयों के निर्माण तक इसका इस्तेमाल किया जाता है और इस दृष्टिकोण से इसकी खेती करना मुनाफे का सौदा हो सकता है। अगर हम इसकी खेती करते हैं, तो हमें इसकी खेती में बहुत ही न्यूनतम रिस्क फैक्टर देखने को मिलेगा अर्थात इसकी खेती करने से हमें मुनाफा ही प्राप्त होगा।

अश्वगंधा की खेती से मुनाफा

इसकी खेती को करके हम अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और इसकी खेती में हमें ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता भी नहीं है। अश्वगंधा की पौधे की डिमांड लगभग हर एक आयुर्वेदिक औषधि युक्त दवाइयों के निर्माण में और अन्य दवाइयों के निर्माण में करने के लिए काफी ज्यादा बढ़ रही है। इसकी मांग बढ़ने से आज इसके दामों में काफी ज्यादा वृद्धि हो चुकी है और अगर हम अश्वगंधा की खेती करके पैसा कमाना चाहते हैं, तो आसानी से हम इसकी खेती से 2 से 3 लाख़ या इससे अधिक की कमाई आसानी से कर सकते हैं और यह लागत के मुकाबले कई गुना ज्यादा कमाई वाली खेती आपके लिए सिद्ध होगी।

अगर आप खेती के जरिए अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं और घर पर रहना चाहते हैं, तो आपके लिए अश्वगंधा की खेती को करना काफी ज्यादा मुनाफे दार हो सकता है।आज सरकारें भी इस प्रकार की खेती को करने के लिए किसानों को अनेकों योजनाओं का लाभ दे रही है और साथ ही में उन्हें इसी प्रकार की खेती को करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है अर्थात इस प्रकार की खेती करके हम सरकारी लाभ लेने के साथ-साथ अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं।

अन्य पढ़ें –

Leave a Comment